धरा को भो आकाश कर लिया।
अपनी छोटी सी सोच का विकास कर लिया,
फैले हुए तम को तुमने प्रकाश कर लिया,
जिस दिन अपने से पहले तुमने दूसरे का सोचा,
उस दिन तुमने धरा को भी आकाश कर लिया।।
लुटते हुए समाज की अच्छाई के लिए,
फैली हुई बुराई की सफाई के लिए,
आने वाली पीढ़ी की भलाई के लिए,
जिस दिन, तुमने एक साथ अपना हाथ कर लिया,
उस दिन तुमने धरा को भी आकाश कर लिया।।
जाती धर्म को भूल कर जो साथ में चले,
बनकर के दुसरो के लिए फूल तुम खिले,
हो गए एक जब भी तुम भुला कर के गिले,
यह है तो मुश्किल, पर जो तुमने काश कर लिया,
उस दिन तुमने धरा को भी आकाश कर लिया।।
जब छोड़ दोगे तुम यूँ सचाई से मुकरना,
बंद जब कर दोगे तुम आपस में झगड़ना,
जीने लगोगे जब तुम यूँ छोड़ कर मरना,
जब अपने दुश्मनो को अपने पास कर लिया,
उस दिन तुमने धरा को भी आकाश कर लिया।।
हर एक शख्स का जब तुम सम्मान कर गए,
किसी की ख़ुशी पे खुद को कुर्बान कर गए,
जब कभी ख़त्म अपना अभिमान कर गए,
जिस दिन भी तुमने यह सब अपने आप कर लिया,
उस दिन तुमने धरा को भी आकाश कर लिया।।
दुखो को भी हँसते हुए तुमने अपना लिया,
नाकामियों को मंजिल की सीढ़ी बना लिया,
उजड़े हुए चमन में गुलो को खिला लिया,
नाउम्मीदी को जब तुमने अपनी आस कर लिया,
उस दिन तुमने धरा को भी आकाश कर लिया।।